ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia)
परिभाषा:
ओलिगोस्पर्मिया वह स्थिति है जिसमें पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम होती है। यह पुरुषों में बांझपन (infertility) का एक प्रमुख कारण हो सकता है। सामान्य रूप से, एक मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन या उससे अधिक शुक्राणु होने चाहिए। अगर यह संख्या इससे कम हो, तो इसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है।
कारण:
- शारीरिककारण:
- हार्मोनलअसंतुलन
- रक्तप्रवाह की कमी
- टेस्टिकल्स(अंडकोष) में समस्या
- जननांगोंमें संक्रमण या चोट
- वंशानुगतकारण
- जीवनशैलीऔर पर्यावरणीय कारण:
- धूम्रपानऔर शराब का सेवन
- तनावऔर मानसिक दबाव
- असंतुलितआहार, मोटापा
- अत्यधिकगर्मी (जैसे बहुत गर्म पानी से स्नान या लैपटॉप को जांघों पर रखना)
- औषधीयकारण:
- कुछदवाओं का सेवन जैसे कि स्टेरॉयड्स, कीमोथेरेपी दवाएं, आदि
- आयु:
- बढ़तीउम्र के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
उपचार:
- यूनानीऔषधियां:
- सफेदमूसली (Chlorophytum): शुक्राणु निर्माण को बढ़ाने में सहायक
- अश्वगंधा(Withania): हार्मोनल संतुलन के लिए फायदेमंद
- शतावरी(Asparagus): शुक्राणु संख्या को सुधारने के लिए
- महजूनमुग़लिज (Majoon Mughalliz): शुक्राणु संख्या बढ़ाने के लिए
- आहार:
- प्रोटीन, जिंकऔर विटामिन E से भरपूर आहार
- दूध, अंडे, शहद, बादाम, सूखेमेवे, और ताजे फल
- जीवनशैलीमें सुधार:
- धूम्रपानऔर शराब से बचें
- नियमितव्यायाम करें
- मानसिकतनाव कम करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें
- मालिश:
- रोगनबादाम या ज़ैतून तेल से हल्की मालिश, रक्त संचार को बेहतर बनाती है और शुक्राणु निर्माण में मदद करती है।
निष्कर्ष:
ओलिगोस्पर्मिया का उपचार यूनानी चिकित्सा द्वारा प्राकृतिक और शारीरिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। आहार, औषधियां, और जीवनशैली में सुधार से शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है।